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लेखनी कहानी -05-Jan-2023



             

*शब्दों की निंदा*

सुख दुख संग्रहीत है
और चुप रहा
जब से
गण बोल ने गाया

यह एक साधारण प्रवास है
नींव की दृष्टि
डूबा हुआ आकाश
भिखारी दृष्टि का निर्माण

प्यार में धुआँ
सैल को ध्यान में नहीं रखना चाहिए
व्यक्त जनी झानी
दुनिया की खुली सांस में

सरीसृपों की धारा में 
असुविधा की प्रतीक्षा करें
गाथा की इस लहर में
यह एक शोर के लिए आता है

सुनहरा होने के लिए किया
पक्षी को निकाल दिया
सड़क के रास्ते पर
शब्द की नक्काशी की गई

धूल सिर में बजती है
गीत जीवन का गीत गाता है 
सहन करने के लिए नहीं
वे चांदनी पर हंसते हैं

इन शब्दों का
सुंदर था
साहित्य के इस क्षेत्र में
कविता लेखन था



-अभिलाषा देशपांडे

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6 Comments

Sachin dev

06-Jan-2023 06:02 PM

Wonderful 👍

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Reena yadav

06-Jan-2023 06:37 AM

Nice 👌

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Gunjan Kamal

05-Jan-2023 08:46 PM

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 🙏🏻🙏🏻

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